Monday, February 24, 2025

परमात्मा-आत्मा और जीवात्मा का रिश्ता

परमात्मा-आत्मा और जीवात्मा का रिश्ता 
अक्सर यह कहा जाता है कि परमात्मा सब देखता है मगर इस बारे मे संशय रहता है कि कैसे l ज्यादातर यह कहकर समझा दिया जाता है कि परमात्मा के करोड़ों आंखे है l मगर हिन्दू धर्म की मान्यताओं को देखे तो एक सर्वशक्तिमान परमात्मा है l उसके बाद हर मानव शरीर में एक परमात्मा का सूक्ष्म अंश है जिसे आत्मा कहा जाता है जो कि सिर्फ देखता है और सब कुछ नोट करता है l उसके नीचे एक जीवात्मा होती है जो इन्द्रियों,मन,अहंकार आदि गुणों के इस पंच भूत शरीर में लिपटी होती है l यह जीवात्मा ही शरीर बदलती रहती है और कर्मों के अनुसार उसे शरीर मिलते रहते हैं l अगर इसे आसान भाषा मे समझना है तो एक परीक्षा हाल का उदहारण ले सकते हैं l जिसमें एक केंद्रीय बोर्ड होता है जो विद्यार्थी (जीव आत्मा)की श्रेणी और योग्यता के अनुसार उसे परीक्षा पत्र देता है l एक नरीक्षक (आत्मा) होता है जो कि बोर्ड (परमात्मा)का प्रतिनिधि होता है l उसका काम होता है कि जीवात्मा की परीक्षा समाप्त होने पर उसका पेपर (कर्मों का लेखा जोखा) लेकर बोर्ड (परमात्मा)को देना l और उसी पेपर के हिसाब से जीवात्मा को अगला शरीर मिलता है l यह पेपर देने का अधिकार सिर्फ मानव शरीर वाली आत्मा को मिलता है l जिसे कर्म योनि बोलते हैं l बाकी योनियों को भोग योनि कहा जाता है l जैसे कि परीक्षा से पहले छात्र को उसकी पिछली योग्यता के अनुसार एक कक्षा मे पूरा वर्ष पढ़ाई करनी पड़ती है l और वो पढ़ाई का कोर्स समाप्त करने पर ही वो परीक्षा दे पाता है l

Wednesday, October 9, 2024

Brahma, Vishnu, Mahesh

In Hindu religion three Gods are important. Are they different Gods or is one only. Let us understand like this. Suppose you are Mr.X at home and Mr.Chairman in office and Adinistrator to terminate or retire a person. So you are a single person performing different duties. 

अग्नि परीक्षा

माता सीता की अग्निपरीक्षा का सच 

जब भगवान विष्णु के राम स्वरूप् में सीता माता के अपहरण का समय आया तो भगवान ये जानते थे की सीता रूप में माता लक्ष्मी को कोई छुएगा भी तो वो भस्म हो जायेगा। मगर उनके अवतार के लिए और रावण की मृत्यु के लिए ये लीला आवश्यक थी इसलिये उन्होंने माता सीता से ये अनुरोध किया की जब आप लक्ष्मण रेखा पार करे तो अग्नि में प्रवेश कर जाये और अपनी छाया को सीता रूप में लक्ष्मण रेखा के पार जाने दे। उन्होंने ऐसा ही किया और उनकी छाया में ही उनके सतीत्व का इतना प्रभाव था कि रावण ने अशोक वाटिका में जब एक बार उन्हें छूने की कोशिश की तो उन्होंने एक तिनके को जमीन पर मारा था और उससे इतनी ज्वाला रुपी शक्ति निकली की रावण जैसा शक्तिशाली राजा भी डर गया था। रावण के वध के बाद माता सीता की अग्नि परीक्षा इसीलिए ली गयी थी कि वो अपने छाया प्रतिरूप में प्रवेश कर वापिस अपने असली रूप में आ सके।

जय सीता राम। सबको रामनवमी की हार्दिक शुभ कामनाये।

Saturday, August 17, 2024

Kalyug

Birth in KALYG
Kalyug means present era of earth. It further means era of Kl Purje means mechanical era. The human life has became so mechanical that we have started acting like mechines. This is the era when ADHARM is having ,3 legs and DHARAM is having only one. So accordingly there are two types of souls taking birth in this era- one those have done a lot of sins in past births but did a little good KARAMs and to get the credit of those good KARAMS they are given human birth. The other are those who had done all the Good KARAMS but have done some sins also. To neutralize those sins they are forced to take birth as humans in this era of earth. So you please decide from which category you belongs to.
Thanks 

Sunday, September 17, 2023

सोच

कुछ लकीरे ऐसी भी 

कुछ आड़ी तिरछी लकीरे जो उठती है मेरे जहन में
कुछ अजीब से अक्श बना जाती है मेरे जिगर में
जब जोड़ने लगता हूँ उनको तो बिखर जाती है 
जब तकता हूँ हैरान सा उनको 
तो मेरी बेबसी पर वो खिलखिलाती है 

नही जानता क्या शक्ल लेना चाहती है वो
नही जानता की कोई है भी के नही वो 
ये भी नही जानता की कभी कोई शक्ल भी बन पायेगी 
ये भी नही जानता कि 
कभी मेरी नजर के सामने भी वो आएगी 

बस ये एक अहसास है 
जो मुझे तन्हाईयो से बचाये रखता है 
मेरी तन्हा जिंदगी में उम्मीदों की शमा जलाये रखता है
तुम लकीरे हो या शख्सियत 
ये बेमायने हे मेरे लिए
तुम कुछ भी हो बस मेरी हो
बस मेरी ये ही अहम है मेरे लिए।

निवेदक  प्रवीन झाँझी

Saturday, July 1, 2023

भक्त की इच्छा

एक बार महाभारत युद्द के बाद द्रोपदी ने भगवान् कृष्ण से पूछा कि जब दुर्योधन की सभा मे मेरा अपमान हुआ तब ही आपने उन्हे मारा क्यो नही l भगवान् हँस कर बोले "तुमने अपनी लाज की रक्षा की गुहार लगाई वो मैंने कर दी l उनको मारने की तुमने प्रार्थना ही नही की l" इसलिए प्रभु से जो प्रार्थना करो सोचकर करोl जैसे भगवान् से एक प्रार्थना होती है की मुझे हर काम करने के लिए नौकर दो या कि यह कहो की प्रभु मुझे इतना समर्थ रखो की मुझे किसी की जरूरत न पड़े l क्या मांगना है यह आप सोचिये l

Wednesday, October 16, 2013


जानते है की भगवान श्री विष्णु क्यों नाग के उपर क्यों ळेटे हुए है और   भगवान शिव क्यों नाग गले में डाले रखते है कयोंकी ये नाग इंसान की इन्द्रिया है और वो ही सुखी रह सकता है जो इन को वश में रखता है और इनको छूट देते ही ये सांप की तरह घेर कर डसना  शुरू कर देती है